नई दिल्ली, 7 नवंबर (संवाददाता): भाजपा के वरिष्ठ नेता हाजी मुहम्मद इरफान अहमद ने पिछले कुछ हफ्तों से दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण (गैस चैंबर) पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। एक विशेष अखबारी बयान में उन्होंने बड़े अफसोस के साथ कहा कि पिछले कुछ दिनों से एक व्यक्ति को प्रतिदिन 13 सिगरेट पीने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इरफ़ान अहमद जी अखिल भारतीय हज समिति और केंद्र सरकार के तहत स्थापित सेंट्रल वक्फ कौंसिल के पूर्व सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर की जहरीली आबोहवा को डाक्टरों (विशेषज्ञों ) ने बेहद खराब बताया है, क्योंकि मासूम बच्चे और बुजुर्ग अब गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं और लोग आंखों और सांस की बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं. अल्हाज इरफान अहमद ने साफ कहा कि खराब मौसम की वजह से इन दिनों हर शख्स 10 से 13 सिगरेट पीने को मजबूर है उन्होंने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले सप्ताह से राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के राज्यों में आसमान में कोहरा छाया हुआ है और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार बढ़ रहा है जो 400 से ऊपर है जिससे लोगों को सांस लेने में और आंखों को भी परेशानी हो रही है प्रदूषण की वजहों से जलन एलर्जी जैसी शारीरिक और स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है, दरअसल लोगों की आंखों में इतनी जलन हो रही है कि लोगों को गंभीर समस्याएं हो रही हैं, वहीं सांस लेने में भी लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि बढ़ते प्रदूषण में सांस लेना मुश्किल हो रहा है जो इंसानों के लिए बेहद हानिकारक और खतरनाक है. ओखला विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी से विधायक का चुनाव लड़ चुके अल्हाज इरफान जी ने यह भी कहा कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल और आप पार्टी की पंजाब में मान सरकार द्वारा उठाए गए कदम नाकाफी साबित हो रहे हैं. हवा चिंताजनक स्तर पर है, वहीं आम आदमी पार्टी सरकार को विशेष कार्रवाई करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बार-बार निर्देश के बाद भी आम आदमी पार्टी सरकार कदम नहीं उठा पा रही है, भले ही पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है लेकिन वह इस मामले पर लगातार लापरवाही बरत रही है और पंजाब में पराली जलाने से बाज नहीं आ रही है उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि दिल्ली एनसीआर में हर साल नवंबर के महीने में लोग बढ़ते प्रदूषण से परेशान होते हैं और सरकार तमाम बड़ी बड़ी घोषणाएं करती है, लेकिन जहरीली धुंध लोगों की सांसों पर भारी पड़ती है और आंखों में और दिल में चुभन भी देती है. जबकि इस संबंध में तत्काल ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि नागरिकों को बढ़ते प्रदूषण (विषैली जलवायु) के कारण होने वाली समस्याओं से पूरी तरह से बचाया जा सके। उन्होंने सरकार द्वारा लागू किये जा रहे औड/इविन फॉर्मूले पर भी सवाल उठाया और कहा कि इसे पहले भी लागू किया गया था, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा यह पूरी तरह से विफल रहा, मेरा मानना है कि इसने केवल लोगों को परेशानी में इजाफा किया, जबकि इस सम्बन्ध में ठोस कदम उठाने की जरूरत है. ठोस कदम न उठाने पर आज भी सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लताड़ लगायी !!
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