जेल जाने की बाध्यता समाप्त करने पर विचार हो – रविन्द्र नाथ महतो
जामताड़ा,ख़ास बात इंडिया:झारखंड विधान सभा के अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने कहा कि झारखंड में आंदोलनकारियों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है मैं स्वयं आंदोलनकारी रहा हूं जेल भी गया हूं लेकिन प्रमाण पत्र के लिए भटकता रहा हूं ना थाना में रिकॉर्ड है, ना जेल में रिकॉर्ड है। इसलिए आंदोलनकारी की समस्याओं से मैं बखूबी परिचित हूं.जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करने पर व्यापक स्तर पर विचार होना चाहिए और सभी झारखंड आंदोलनकारियों को समान रूप से मान- सम्मान मिलना ही चाहिए.
श्री महतो ने आज सुबह चाय काल के दौरान कांके रोड स्थित उनके आवास में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता पुष्कर महतो व प्रेम शंकर साहू से झारखंड आंदोलनकारियों के मान-सम्मान, पहचान, नियोजन एवं पेंशन के सवाल को लेकर उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अलग राज्य की लड़ाई 18 जिला को लेकर किया गया था। साथ ही पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश एवं ओडिसा प्रदेशों के सीमावर्ती क्षेत्रों को मिलाकर 26 जिलों का वृहत झारखंड अलग राज्य की लड़ाई दिसुम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में लड़ी गई थी।इस क्रम में झारखंड अलग प्रांत के अलावे सीमावर्ती राज्यों के विभिन्न जेल में भी झारखंड आंदोलनकारी साथी गिरफ्तार हुए थे, जिन्हें आज चिन्हित करने में तकनीकी बाद हटाए आ रहे हैं। इस पर भी संबंधित राज्यों से मिलकर समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए, जिससे कि सभी झारखंड आंदोलनकारियों को समान रूप से मान-सम्मान पहचान मिल सकेे.
उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग का गठन जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। आयोग के गठन के बाद शेष बचे आवेदनों के चयनित के कार्यों का निष्पादन युद्ध स्तर पर किया जाना चाहिए.