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दिवाली त्योहारों के सीजन में इस वर्ष लगभग 125 लाख करोड़ के व्यापार की उम्मीद

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कोरोना महामारी के दी वर्ष के बाद हुई सामान्य परिस्थितियों में इस वर्ष का दिवाली त्यौहार पूरी तरह से एक अलग ही अंदाज़ में पूरे देश में मनाया जाएगा जिसमें चीनी सामानों के स्थान पर भारतीय सामानों का बड़े पैमाने पर क्रय-विक्रय होने की प्रबल संभावना है जिसके चलते प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत को बड़ी मज़बूती भी मिलेगी । कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) ने उम्मीद जताई है की इस वर्ष दिवाली के त्योहारी सीजन के दौरान देश भर के बाजारों में लगभग 125 लाख करोड़ रुपये की व्यापार होने की संभावना है । साथ ही यह भी स्पष्ट है की भारत के लोगों ने उत्सव के सामानों की खरीद-बिक्री के मामले में चीनी सामान की जगह अब भारतीय सामान को तरजीह देनी शुरू कर दी है ।

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सुभाष अग्रवाला ने कहा कि देश भर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष दीवाली त्यौहार सीजन बिक्री से देश भर में लगभग 125 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा और चीन को सीधे तौर पर लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का व्यापार घाटा हुआ।दिवाली के सीजन में पिछले वर्षों में चीन भारत में लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये के त्यौहार से जुड़े सामान भारत में बेचता था किंतु गत दो वर्षों में भारतीय उपभोक्ता जो पहले सस्ता होने की वजह से चीनी सामान ख़रीदता था , अब उसके ख़रीदी व्यवहार में बड़ा परिवर्तन आ गया है और एक अब सीधे भारत में ही बने सामान की माँग करता है ।

श्री अग्रवाला ने कहा कि कैट के हिंदुस्तानी दिवाली मनाने के अभियान को देश भर में कैट के व्यापक समर्थन मिल रहा है ।कैट के प्रयासों से इस वर्ष पहली बार दिवाली पर बड़ी संख्या में स्थानीय व्यापारिक संगठन लोकल कारीगरों, मूर्तिकारों, हस्तशिल्प श्रमिकों और विशेष रूप से कुम्हारों के बनाये उत्पादों को एक बड़ा बाज़ार देने की कोशिश में जुटे हैं । पूरे देश में बाजारों, कार्यालयों और घरों एवं दुकानों को मिट्टी से बने छोटे तेल के दीयों से सजाया जाएगा ! पारंपरिक भारतीय सामानों का भी दुकानों और घरों को सजाने के लिए भी बड़ा इस्तेमाल होगा ! इस बार का दिवाली त्यौहार भारतीय त्योहारों को मनाने की सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक तरीकों का सही चित्रण करेगा।

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