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कालिंपोंग की राजनीति में उफान, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा से सदस्यों का अलगाव

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कलिंगपोंग/सिलीगुड़ी,मनोज शर्मा की रिपोर्ट:पश्चिम बंगाल राज्य के कालिंपोंग जिले से अपने तेजतर्रार लहजे में मीडिया के सामने धमाकेदार गंभीर आरोप लगाते हुए गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख सदस्यों ने इस्तीफा देने का एलान किया. सबसे बड़ी चुनौती सामने यह आई कि इस्तीफा देने वाले सारे सदस्य स्वयं गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के ही शीर्ष सदस्य हैं.जिसमे से एक पार्टी के ही वाइस प्रेसिडेंट, पार्टी प्रवक्ता और दूसरे केंद्रीय सदस्य हैं.इन्होंने मीडिया के सामने अपनी बाते रखते हुए यह कहा कि कालिंपोंग की जनता जनार्दन के विकास के लिए और मूलभूत सुविधाओं के लिए 700 करोड़ रूपए की राशि पश्चिम बंगाल राज्य की सरकार ने दिसंबर महीने के 2020 में प्रदान किए.और यह राशि कालिंपोंग के गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के विधायक रुडेन लेप्चा के क्षेत्र को दिए गए.लेकिन इन्ही के शीर्ष सदस्यों ने इस्तीफा का कारण उल्लेख करते हुए कहा कि कालिंपोंग में ऐसा कोई भी काम ,परिवर्तन या उन्नति का कार्य दूर दूर तक दिखाई नही देता,जिससे यह कहा जा सके कि 700 करोड़ की राशि खर्च हुई हो.सिर्फ और सिर्फ इन रुपए का कही और इस्तमाल हुआ है किसी भी प्रकार से इन राशियों का उपयोग उचित जगह नही हुआ है।साथ ही साथ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा से इस्तीफा देने वाले शीर्ष सदस्यो ने यहां तक कहा कि कालिंपोंग के विधायक रुडेन लेपचा द्वारा कंपनी बनाई गई इस तरह 700 करोड़ रूपए का दुर्पयोग हुआ है.इसी कारण आज कालिंपोंग के विधायक रुडेन लेपचा गायब हो चुके हैं.इस्तीफा देने वाले सदस्यो ने इस बात को स्पष्ट रूप से कहा की हमे पार्टी से किसी भी प्रकार की शिकायत नही है ,बल्कि पार्टी में हो रही गलत नीति और कालीपोंग के गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के विधायक रूडेन लेंपचा के पैसे के गलत इस्तमाल ,जनता जनार्दन के अहित में काम इत्यादि का विरोध करते हैं.अब आगे देखना यह होगा कि क्या अभिप्राय होगा गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के विधायक रुडेन लेपचा और इसी पार्टी से इस्तीफा देने वाले सदस्यो की विचार धारा की बातो का.

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