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New Delhi: अखिर क्यों हटाए गए पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार? जानिए

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कोलकाता: 2024 लोकसभा चुनावों का ऐलान करने के बाद केंद्रीय चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाते हुए पश्चिम बंगाल के डीजीपी को हटा दिया है। अभी तक पश्चिम बंगाल की डीजीपी राजीव कुमार थे। उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का काफी भरोसेमंद माना जाता है। चुनाव आयोग ने बंगाल के डीजीपी और यूपी-गुजरात समेत छह राज्यों के गृह सचिवों को हटाने का आदेश जारी किया है। ऐसा माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में पिछले दिनों संदेशखाली हिंसा और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को हटाया है। राजीव कुमार 27 दिसंबर, 2023 को पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (DGP) के पद पर नियुक्त हुए थे। बता दें कि बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा में भी ऐसी कार्रवाई की गई थी।1989 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार पश्चिम बंगाल के डीजीपी बनने से पहले कोलकाता के पुलिस आयुक्त थे। वे पूर्व में इंफॉरमेंशन टेक्नोलॉजी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में बतौर प्रिंसिपल सेक्रेटरी भी काम कर चुके हैं। राजीव कुमार सीएम ममता बनर्जी के विश्वस्त अफसरों में शामिल हैं। 2019 में जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में धरने पर भी बैठीं, जब सीबीआई अधिकारियों की एक टीम शारदा घोटाले के संबंध में कुमार से पूछताछ करने के लिए उनके आवास पर पहुंची। तब सीबीआई ने उनके ऊपर शीर्ष अदालत में इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।राजीव कुमार ने आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। वे पश्चिम बंगाल की स्पेशल टॉस्क फोर्स और सीआईडी में भी रह चुके हैं। राजीव कुमार मूलरूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। आईपीएस राजीव कुमार पूर्व में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्‌टाचार्य के भी काफी पसंदीदा अधिकारियों में शामिल रह चुके हैं। पश्चिम बंगाल में ऐसी चर्चा होती आई वे अपनी जांच के तौर तरीकों और इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के महारत के चलते मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजरों में आए थे।

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