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देवघर: सीएसपी की आड़ में पति पत्नी कर रहे थे साइबर अपराधियों को मदद, 11 साइबर अपराधी गिरफ्तार, 25 मोबाइल, 19 एटीएम कार्ड और 19500 रुपया कैश बरामद

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देवघर,ख़ास बात इंडिया: कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लालच में अब साइबर अपराध के धंधे में महिलाओं ने भी इंट्री मारी है. ऐसा ही मामला सामने आया है देवघर जिला में. जहां कुंडा थाना के चांदडीह का अल्ताफ अंसारी अपनी पत्नी के साथ सीएसपी की आड़ में साइबर अपराधियों को 20 प्रतिशत की राशि लेकर पैसों का पेमेंट करते थे. वहीं इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, देवघर साइबर थाना की पुलिस ने ग्यारह साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। साइबर थाना की पुलिस ने देवघर जिला के सारठ थाना क्षेत्र के नयाखरना, पथरड्डा ओपी क्षेत्र के घाघरा, मारगोमुण्डा थाना क्षेत्र के कानो और कुंडा थाना क्षेत्र के चांदडीह गांव से ग्यारह साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। शनिवार को इस बाबत आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में पूरे मामले की जानकारी देते हुए मुख्यालय डीएसपी मंगल सिंह जामुदा ने बताया कि इन साइबर अपराधियों के पास से 25 मोबाइल, 32 सिम कार्ड, 19 एटीएम कार्ड, 8 पासबुक, 6 चेकबुक, 4 स्वाइप मशीन और 19500 रुपया नकद बरामद किया गया है। गिरफ्तार अपराधियों में 33 वर्षीय सुनील महरा, 24 वर्षीय बलराम मंडल, 21 वर्षीय सचिन मंडल, 24 वर्षीय बबलू मंडल, 27 वर्षीय मुरली दास, 30 वर्षीय सूचित दास, 19 वर्षीय रमेश दास, 23 वर्षीय पंकज दास, 35 वर्षीय अल्ताफ अंसारी, 25 वर्षीय फुरकान अंसारी और 19 वर्षीय मोहम्मद कैफ नाम शामिल है। डीएसपी द्वारा यह जानकारी दी गयी कि गिरफ्तार साइबर अपराधी अल्ताफ अंसारी अपनी पत्नी के साथ सीएसपी चलाता है। जबकि गिरफ्तार सुनील महरा पूर्व में सारठ थाना में दर्ज एक मामले का अभियुक्त है। इसके अलावे डीएसपी ने बताया कि इन साइबर अपराधियों द्वारा साइबर ठगी की घटना को अंजाम देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते थे। साइबर अपराधी गूगल सर्च इंजन का कस्टमर केयर अधिकारी बनकर लोगों को लॉटरी का प्रलोभन देकर पैसों की ठगी करते थे। साथ ही ये साइबर अपराधी फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते हैं और उन्हें बताते हैं कि उनका एटीएम बंद होने वाला है। इसके अलावा केवाइसी अपडेट कराने के नाम पर भी ठगी की जाती है। इन अपराधियों द्वारा साइबर ठगी के लिए गूगल पे का भी सहारा लिया जाता था। साथ ही साइबर अपराधियों द्वारा वर्चुअल पेमेंट एड्रेस के माध्यम से भी ठगी की जाती थी.

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