क्राइम

विवाहिता ने ससुराल वालों पर लगाया प्रताड़ना, व हमला करने का आरोप, जिला कोर्ट से आरोपियों को मिली जमानत

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आसनसोल,ख़ास बात इंडिया:आसनसोलल के तालपोखरिया निवासी विवाहिता रेणु कुमारी प्रसाद ने अपने ससुराल वालों पर दहेज प्रताड़ना, उसपर जानलेवा हमला करने आदि से संबंधित आरोप लगाते हुए बीते एक जून को आसनसोल महिला थाना में एक शिकायत दर्ज कराया थाा. हालांकि आसनसोल जिला कोर्ट के न्यायाधीश सृनमूल दत्ता ने सुनवाई के दौरान साक्ष्य के अभावों में ससुराल के कुछ सदस्यों को अग्रिम जमानत (एन्टीसेपिरेटरी बेल) दे दी। बता दें कि इस मामले में आसनसोल जिला कोर्ट के सीनियर व चर्चित वकील शेखर कुंडू ने वकालत की है.इसके साथ ही उक्त मामले पर उनके जूनियर सहयोगी मोहम्मद खुर्शीद आलम व वकील अभय गिरी की भी सक्रिय भूमिका देखी गई। बताया जाता है कि तालपोखरिया निवासी विवाहिता रेणु कुमारी प्रसाद ने आसनसोल महिला थाना में अपने पति समेत 10 लोगों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना व उसे जान से मारने का प्रयास करने से संबंधित मामले में शिकायत दर्ज कराया था। अपने शिकायत में उसने कहा था कि पांच मार्च वर्ष 2015 में उसकी शादी आसनसोल के श्रीनगर, चांदमारी निवासी मुकेश कुमार साहनी के साथ शादी हुई थी। शादी के वक्त उसके मायके पक्ष से एक लाख रुपये नकद, गहने सहित कई घरेलू उपयोगी सामग्रियां दिए गए थे। शिकायतकर्ता का आरोप था कि 1 जनवरी वर्ष 2019 की रात उसके पति तथा ससुर ने उसे किरोसिन तेल से जलाकर मारने का प्रयास किया था. वहीं अन्य ससुराल के सदस्यों ने भी उसपर पत्थर से हमला किया था. उसने अपने शिकायत में यह भी कहा है कि इसी वर्ष 2 मई को भी ससुराल वालों ने उसके घर जाकर उसपर हमला किया था। हालांकि जिला कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब जिला जज ने सरकारी पक्ष के अधिवक्ता से इंजुरी रिपोर्ट मांगी तब अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता किसी प्रकार की मेडिकल व इंजुरी रिपोर्ट न दे सके। लिहाजा जिला कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में ससुराल के पांच आरोपियों की जमानत मंजूर कर उन्हें रिहा करने का निर्देश दे दिया। बताया जाता है कि पीड़िता ने जिनके नाम पर एफआईआर दर्ज कराया है उनमें से एक की तो मई माह में ही मृत्यु हो चुकी है। इसके अलावे उसने कई ऐसे नाम पर भी एफआईआर किया है, जिसे उसके ससुराल वाले जानते तक नहीं हैं। वहीं दूसरी ओर आरोपी पक्ष के लोगों का कहना है कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है। शिकायतकर्ता ने उनलोगों पर जो भी आरोप लगाया है वे सभी बेबुनियाद है। ससुराल वालों ने बताया कि अगर मामला झूठा नहीं रहता, तो इतने बड़े मामले में कोर्ट उन्हें जमानत नहीं देती। आपको बता दें कि आरोपियों के खिलाफ आसनसोल महिला थाना की सत्रवाद संख्या 61/2021 की भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए/323/307/506/443/406/34 तथा 3/4 डीपी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया था.

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