नई दिल्ली:एक दशक पहले भारतीय अर्थव्यवस्था पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में थी, अब पांचवीं सबसे बड़ी; प्रभावी नेतृत्व और 140 करोड़ नागरिकों की कड़ी मेहनत से यह उपलब्धि संभव हुई।भारत का विश्व नेता के रूप में पुनः उभरना तभी संभव है जब सभी नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन करें।
-उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़