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जेएसएमडीसी के पूर्व अधिकारी अशोक कुमार एवं इजहार अंसारी के यहाँ ईडी का छापा,14 ठिकानों पर ईडी चला रही है सामूहिक छापेमारी

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  • राँची (झारखंड ),गौतम ठाकुर: झारखंड में एक बार फिर ईडी ने शुक्रवार सुबह से जेएसएमडीसी के पूर्व अधिकारी अशोक कुमार और इजहार अंसारी के ठिकाने से संबंधित 14 ठिकाने पर छापेमारी की जा रही है. ईडी ने इजहार अंसारी के हजारीबाग स्थित ठिकाने से तीन करोड़ बरामद किया है. कोल तस्करी से जुड़े कई कंपनियों के पते पर यह छापेमारी की जा रही है. ईडी की राजधानी रांची के हरमू, हजारीबाग के कन्हारी, रामगढ़ सहित 14 ठिकाने पर छापे से प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा हुआ है. कोल तस्करी में मनी लांड्रिंग की तलाश में ईडी छापेमारी कर रही है. बताया जाता है कि अशोक कुमार कई आईएएस अधिकारी के नजदीकी रहे हैं, आरोप यह भी कि अशोक कुमार गढ़वा जिले में खनिज निगम का प्रोजेक्ट अधिकारी रहते चिनिया प्रखंड में अपनी पत्नी विद्या शर्मा के नाम 8.47 एकड़ में खान आवंटित करा ली.2008 में अनुबंध के आधार पर जेएसएमडीसी में नियुक्ति अशोक कुमार को 2008 में अनुबंध के आधार पर जेएसएमडीसी में नियुक्त किया गया था, गढ़वा जिले के परियोजना अधिकारी के पद पर कार्यरत रहे है. 2017 में अनुंबध समाप्त हो गया था. अशोक कुमार पर गढ़वा जिले के केतार थाना (कांड संख्या 04/2019) जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था. अशोक कुमार निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के अलावे पूर्व एमडी और खान सचिव के श्रीनिवासन के काफी करीबी थे।सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनदेखा कर दिया ठेका

जेएसएमडीसी के प्रबंध निदेशक रहते पूजा सिंघल के दिशा निर्देशों के विपरीत रेत खनन का ठेका अपने पसंदीदा ठेकेदारों को दे दिया था. पूर्व खनन सचिव और जेएसएमडीसी के प्रमुख के. श्रीनिवासन का कार्यकाल भी विवादास्पद रहा था. जानकारी के अनुसार 2021 में गढ़वा जिले के पचाडूमर और सुंदीपुर में दो खदान नंदकिशोर सिंह और आत्मानंद उपाध्याय को नियम के विरुद्ध खनन आवंटित कर दिया गया. पंचाडूमर खदान बिहार, यूपी और झारखंड के बार्डर इलाके में पड़ता है. इस खदान से करीब 900 मीटर दूर पर बिहार के कैमूर जिले में अवस्थित वन्यजीव अभ्यारण्य स्थित है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक वन्य जीव अभ्यारण्य के एक किलोमीटर के दायरे में खनन नहीं किया जा सकता है. बाबजूद यह खदान प्रमोद प्रसाद नामक व्यक्ति को आवंटित किया गया. हालांकि कुछ दिन बाद ही प्रमोद प्रसाद को हटा दिया गया था।

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