आसनसोल:आसनसोल – दुर्गापुर की लचर कानून व्यवस्था का एक ताजा उदाहरण देखने को मिला होटल मालिक अरविंद भगत की हत्या के रूप में।ज्ञात हो कि शुक्रवार को सरे शाम सेन रेले रोड स्थित होटल मीरा के मालिक अरविंद भगत की होटल में घुसकर उनकी हत्या कर दी गई। गौरतलब है कि ये शहर का सबसे पॉश और व्यस्ततम इलाका है,इसके बावजूद भी अपराधियों ने बहुत ही आसानी से इस काम को अंजाम दिया और फरार हो गए,जबकि यहां से लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर आसनसोल साउथ पुलिस पोस्ट है।थोड़ी ही दूरी पर पुलिस आयुक्त का कार्यालय है।अदालत है।जिलाधिकारी का कार्यालय है।मंत्री मलय घटक का आवास है।मजे की बात तो ये है कि पॉश एरिया में घुसकर अपराधियों ने इस संगीन अपराध को अंजाम दिया।जाहिर सी बात है आसनसोल – दुर्गापुर पुलिस कुंभकर्णी नींद में सो रही है, वरना सरेशाम इस वीआईपी इलाके में होटल के अंदर घुसकर अपराधी,खून करके फरार नहीं पाते।दबोच लिए जाते,मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।इससे साफ पता चलता है आसनसोल – दुर्गापुर पुलिस की नजर कहीं और है।सिर्फ साइबर क्राइम की शाखाएं और मीटिंग्स करने से कुछ नहीं होता,अपराधियों पर पैनी नजर होनी चाहिए।अगर एक ग्राफ पर नजर डालें तो आसनसोल और दुर्गापुर इलाके में हत्या,मारपीट,साइबर अपराध आदि की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।ये कहा जाए कि अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि सारे शाम किसी होटल के मालिक को गोली मार दी जाती है और घटना के 24 घंटे के बाद भी पुलिस किसी को पकड़ने में असफल रहती है।हालांकि पुलिस आयुक्त सुधीर कुमार नीलकांतम अपराधियों की गिरफ्तारी को तत्पर नजर आ रहे हैं,लेकिन क्या अरविंद भगत मर्डर की गुत्थी सुलझ पाएगी?क्या अपराधी पकड़े जा सकेंगे?ये तमाम प्रश्न अभी तक अनुत्तरित हैं। हालांकि सीआईडी की टीम भी इस घटना की तफ्तीश में लग गई है। विधायक अग्निमित्रा पाल ने सत्ता पक्ष को इसके लिए जिम्मेदार बताया और आसनसोल की कानून व्यवस्था को बेहद लचर बताया।अब सवाल उठता है कि पुलिस की अपराधियों को पकड़ने की कवायद क्या अमली जामा पहन पाएगी या फिर चंद साल पहले हुई रामलखन यादव ट्रिपल हत्याकांड,माकपा नेता अर्पण मुखर्जी ,दिलीप सरकार हत्याकांड की तरह यह घटना फाइलों में धूल चाटती रह जाएगी?
