कोलकाता:कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपनी बजट पूर्व इच्छा सूची में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन से जोरदार आग्रह किया है की जीएसटी कराधान प्रणाली की समीक्षा, खुदरा व्यापार से संबंधित सभी अधिनियमों और नियमों की समीक्षा, घरेलू व्यापार के लिए एक राष्ट्र-एक लाइसेंस नीति, व्यापारियों के लिए प्रभावी पेंशन योजना, उत्तर प्रदेश राज्य में लागू योजना के अनुसार व्यापारियों के लिए बीमा योजना, छोटे व्यवसायों के लिए अलग क्रेडिट रेटिंग मानदंड, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा व्यापारियों को वित्त की आसान पहुंच, व्यवसायों में आपसी भुगतान तथा आयकर अधिनियम की धारा 138 के तहत चेक का अनादर जैसे विवादों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन और देश मे स्पेशल ट्रेड जोन के निर्माण की मांग शामिल है।कैट ने आंतरिक और विदेशी व्यापार दोनों को बढ़ावा देने के लिए देश और दुनिया भर में व्यापार मेलों और भारतीय उत्पादों की प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए भी एक नीति बनाने का भी आग्रह किया है। कैट ने वित्त मंत्री को व्यापारिक समुदाय के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाने और प्रोत्साहित करने के लिए अलग अलग किस्म के इंसेंटिव की घोषणा करने का भी अनुरोध किया।कैट ने ई-कॉमर्स नियमों को लागू करने, ई-कॉमर्स नीति, ई-कॉमर्स नियामक प्राधिकरण के गठन, खुदरा व्यापार के लिए राष्ट्रीय व्यापार नीति और केंद्र और राज्यों दोनों में आंतरिक व्यापार के लिए एक अलग मंत्रालय की भी मांग की है।कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री श्री.प्रवीन खंडेलवाल ने “बजट इच्छा सूची” जारी करते हुए कहा कि जीएसटी सबसे जटिल कराधान प्रणाली है और इस प्रणाली को सरल बनाने के लिए इसकी पूर्ण समीक्षा की आवश्यकता है ताकि जिसे व्यापारियों द्वारा सरलता में अनुपालित किया जा सके तथा सरकार को अधिक राजस्व की प्राप्ति हो सके।देश का खुदरा व्यापार बड़ी संख्या में अधिनियमों और नियमों से भरा हुआ है और उनमें से कई कुछ दशक पुराने हैं और वर्तमान परिदृश्य में अपना महत्व खो चुके हैं और इसलिए ऐसे सभी अधिनियमों और नियमों की समीक्षा की तत्काल आवश्यकता है। ऐसे नियम जो प्रासंगिकता खो चुके हैं उन्हें अवश्य निरस्त किया जाना चाहिए।श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने आगे कहा कि भारत में व्यापारियों को व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन के लिए ढेर सारे लाइसेंस प्राप्त करने पड़ते हैं और इसलिए वन नेशन-वन टैक्स की तर्ज पर, सरकार की एक राष्ट्रीय-एक लाइसेंस नीति होनी चाहिए ताकि व्यापार में आसानी हो। पीएम श्री मोदी द्वारा इसकी काफी वकालत की गई है।दोनों व्यापारी नेताओं ने यह भी मांग की कि विशेष आर्थिक क्षेत्र की तरह, सरकार को सरकारी मंजूरी प्राप्त करने के लिए एक खिड़की की सुविधा के साथ गांवों के बाहरी इलाकों में विशेष व्यापार क्षेत्र स्थापित करना चाहिए। इस तरह के कदम से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार के बड़े अवसर भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चेकों का अनादरण बहुत बढ़ गया है और चेकों की कोई पवित्रता नहीं है वहीं व्यापारियों के बीच अक्सर भुगतान संबंधी विवाद होते हैं जो अदालतों से समाधान के लिए लंबा समय लेते हैं। इसलिए इस तरह के विवादों का त्वरित निवारण सुनिश्चित करने के लिए, फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की बहुत जरूरत है ।श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने डिजिटल भुगतान के अधिक उपयोग के लिए व्यापारियों को कर भुगतान में छूट के संदर्भ में प्रोत्साहन योजनाओं की भी मांग की।
Related Articles
हर घर तिरंगा से 600 करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद
Spread the loveकोलकाता:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर तिरंगा अभियान को देश भर में बेहद उत्साहपूर्वक मनाने के लिए कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) देश भर में व्यापक रूप से बड़े प्रयास कर रहा है और उम्मीद की जाती है की इस वर्ष इस अभियान के कारण देश भर में लगभग 35 करोड़ […]
कैट ने राष्ट्रीय ट्रेड पालिसी लाने की डीपीआईआईटी की पहल का स्वागत किया
Spread the loveआसनसोल: डीपीआईआईटी द्वारा नेशनल ट्रेड पालिसी के ड्राफ्ट को विभिन्न मंत्रालयों को भेजे जाने के कदम का कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वागत किया है और कहा है की इससे निश्चित रूप से भारत के खुदरा व्यापार में काफी बढ़ोतरी होगी ! कैट एक लंबे समय से इस मांग को जोरदार […]
आर्थिक सर्वेक्षण से एक सकारात्मक केंद्रीय बजट का संकेत -कैट
Spread the loveकोलकाता:कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने आज प्रस्तुत हुए आर्थिक सर्वेक्षण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 7% जीडीपी की उम्मीद मजबूत बुनियादी सिद्धांतों के आधार पर भारत में एक मजबूत विकास की कहानी का दृढ़ संकेत है लेकिन चालू खाता घाटे का बढ़ना चिंता का कारण है और उम्मीद है […]