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रोते-रोते शहीद विनोद यादव के परिजनों की आंखों के सूख गए आंसू

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गोमिया,ख़ास बात इंडिया:मुख्यमंत्री साहब अभी तक चीर निद्रा से अभी तक जागे नही। शहीद विनोद यादव की मां ने बताया बेटे के शहीद होने के बाद उनके पति विशेश्वर यादव की भी मृत्यु हो गई। चार बेटे और दो बेटियां है शहीद हो चुका बेटा ही घर चलाता था। उसके चले जाने के बाद परिवार काफी मुसीबतों का सामना कर रहा है खेती-बाड़ी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।तेनुघाट घरवाटाडं निवासी शहीद विनोद यादव की पत्नी अंजू देवी ने नम आखो से बताया उनके पति की वीरगति प्राप्त होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं सुबोध कांत सहाय उनके घर पर आए थे उन्होंने वादा किया था कि नियोजन पर नौकरी , एक पेट्रोल पंप एवं सहायता राशि देने की बात कही थी मगर अभी तक कुछ मिला नहीं। सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते काटते थक चुकी है मगर बाबुओं के कान में जूं तक नहीं रेंगती।अंजू देवी ने कहा कि 2011 सीआरपीएफ 74 बटालियन धनबाद के सिन्दरी में उनके पति विनोद यादव ने अपनी ड्यूटी ज्वाइन की थी और छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला के बुरकापाडा हमले में 4 अप्रैल 2014 को शहीद हो गए थे।गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो ने पारिवारिक स्थिति को देखते हुए शहीद के बच्चों को तेनुघाट डीएवी में पढ़ने लिखने में मदद की उन्हें लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास भी गए विधानसभा में भूख हड़ताल भी की मगर कहीं कुछ सुनवाई नहीं हो रही है।

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