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गोमिया:सत्यलोक संस्था गांधीग्राम के बच्चों के लिए आगे आई

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  1. गोमिया,ख़ास बात इंडिया:एक ऐसी जगह जहां खुश रहना और खुशियां मनाना दिवा स्वप्न है। आजादी के इतने वर्षों बाद भी यहां पर बूढ़े बच्चे युवा एवं महिलाएं जिंदगी जीना ही मजबूरी समझते हैं समाज भी इनको अपने आप से अलग समझती है और आज भी यह लोग अपनी बस्ती बसाकर अलग रह रहे हैं। ना अच्छा रहना, ना अच्छा खाना और शिक्षा से कोसों दूर आज भी यह लोग जैसे-तैसे जिंदगी जी रहे हैं टूटे-फूटे मकान एवं प्लास्टिक तान कर रह रहे हैं और यह जगह गोमिया के स्वांग स्थित गांधीग्राम है।लेकिन ऐसी एक संस्था जो इनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए लगातार दो वर्षों से प्रयासरत है सत्यलोक संस्था के संस्थापक सत्येंद्र राय ने बताया कि हमारी संस्था 2 वर्षों से इन बच्चों को पढ़ाने का कार्य कर रही है इनके पढ़ने लिखने के लिए कॉपी पेंसिल एवं किताब भी संस्था अपनी ओर से दे रही है ताकि यह बच्चे पढ़ लिख सके और आगे कुछ कर सके। यहां के बच्चे अपने आपको हमसे अलग न समझें इसलिए हर छोटी से छोटी खुशियां भी इनके बीच ही मनाते आ रहे हैं।संस्था के एक सदस्य रोशन कुमार जो अपना जन्मदिन इन बच्चों के बीच 21 नवंबर को मना रहे हैं ताकि इन बच्चों को कुछ पल के लिए खुशियां मिल सके ।संस्था के संस्थापक सत्येंद्र राय ने कहा कि लगातार इनकी बेहतरी के लिए प्रयासरत हैं संस्था इन बच्चों को शिक्षा के माध्यम से जागरूक करने का काम कर रही है ताकि यह बच्चे अपना जीवन स्तर सुधार सकें और जीवन में आगे बढ़ सके।मौके पर एससी शर्मा, चंद्रिका पासी, ललित एवं संस्था के सक्रिय सदस्य मौजूद थे।

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