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आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी नहीं बन पाया झाझा प्रखंड के बलियो उलाई नदी पुल :गौरव सिंह राठौड़

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शक्ति शर्मा की रिपोर्ट

झाझा,ख़ास बात इंडिया: :आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी बेशुमार पड़ी है बलियो उलाई नदी पुल झाझा के समाज सेविक नवयुवक संघ संयोजक गौरव सिंह राठौड़ ने खुले शब्दों में कहा और ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कहने को तो बड़े-बड़े नेता कह जाते हैं वादे कर जाते हैं लेकिन पता नहीं इनके मन में पूल बनाने से यहां के बड़े-बड़े नेता मंत्री सांसद विधायक क्यों कतराते हैं क्या झाझा प्रखंड के हथिया पंचायत बलियो उलाई नदी पुल बनने से नेताओं मंत्री को कोई नुकसान है जबकि झाझा प्रखंड नहीं बल्कि झाझा सोनो जमुई मुख्यालय को इस नदी पर पुल बनने से जोड़ने का काम करेगा वही इनके आसपास लगभग 50 हजार लोगों की आवागमन इस पुल से होती है जो बरसात के 4 महीने काफी परेशानियां का सामना करना पड़ता है वही मौके बारदात पर कहीं ड्राइवरी पेशेंट एवं कई मरीजों की जान भी चली जाती है यहां स्वास्थ्य व्यवस्था की कोई उपलब्धि नहीं है जो भी है वह राम भरोसा क्या जिसके कारण आजादी के कई दशक से प्रयासरत यहाँ के ग्रामीण आज भी है लेकिन इन नेता मंत्रियों को असमंजस के कगार पर दिखा जा रहा है चुनावी रणनीति को देखने के समय बड़े-बड़े संघर्ष जनता के भी आरजू विनती कर मतदान के समय प्रलोभन देकर उन्हें अपने मुठी में कर लेते है तथा इन बरसातों की नदियों जैसे उफान देखकर तमाम देशवासियों आप अनुमान लगा सकते हैं की नदी के आसपास के गांव के बच्चे एवं बच्चियों को शिक्षा दीक्षा में कितनी घोर परेशानियां का सामना झेलना पड़ता होगा यह बात स्थानीय मंत्री विधायक सांसद को जरा भी कान में सू तक नहीं पड़ता.

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