नई दिल्ली:जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है. हालांकि उनका विवादों से पुराना नाता रहा है, ऐसे में कांग्रेस में उनकी एंट्री पार्टी को कितना फायदा पहुंचाएगी यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा.कन्हैया कुमार ने भाकपा के टिकट पर अपने ही जिले बेगूसराय से भाजपा नेता एवं केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन वे 4 लाख से भी ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए थे.जबकि, साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नवादा सीट से जीत दर्ज करने वाले गिरिराज बेगूसराय सीट से टिकट मिलने से नाराज थे.वे नवादा सीट से ही चुनाव लड़ना चाहते थे. कन्हैया कुमार के कारण यह सीट काफी सुर्खियों में रही थी, लेकिन कन्हैया यहां बुरी तरह हार गए.बेगूसराय के बरौनी में जन्मे कन्हैया छात्र जीवन से राजनीति में दो-दो हाथ कर रहे हैं. एआईएसफ के बैनर तले वे 2015 में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष बने. हालांकि वे अपने बयानों के कारण हमेशा सुर्खियों और विवाद में बने रहते हैं.(वेब दुनिया)