राष्ट्रीय

अफगानिस्तान के हालात से खौफजदा हैं हिंदुस्तान में रहने वाले अफगानी,एक खास रिपोर्ट

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रानीगंज,ख़ास बात इंडिया:अफगानिस्तान मे पिछले कुछ दिनों के राजनीतिक परिदृश्य मे आए बदलाव के कारण भारत मे रहने वाले अफगानीओ की पेशानी पर बल पड़ गया है .दरअसल पिछले करीब दस दिनों से अफगानिस्तान मे इंटरनेट सेवा ठप है.ऐसे मे रानीगंज के हिल बस्ती कोठी इलाके मे रहने वाले अफगानी अपने वतन मे रहने वाले नाते रिश्तेदारों को लेकर बेहद चिंतित हैं . किसी को अपने भाई की चिंता है तो कोई अपने माता पिता के लिए परेशान है तो किसीको अफगानिस्तान मे रह रही पत्नी और बच्चों की सुरक्षा की चिंता खाए जा रही है . आपको बता दें के रानीगंज के हिल बस्ती कोठी इलाके मे पिछले तकरीबन 40-50 वर्षो से अफगानिस्तान से आए यह चार व्यक्ति रह रहे बीच बीच मे यह अपने परिजनों से मिलने अफगानिस्तान चले जाया करते थे तो इनके दिल को ठंडक पड़ जाती थी मगर आजकल अफगानिस्तान के जो हालात हैं उससे यहां के अफगानीओ के मन मे अफगानिस्तान मे अपने रिश्तेदारों को लेकर खौफ का माहौल है । पहले वह कभी कभार अपने देश मे वीडीओ कालिंग कर अपने जिगर के टुकड़ो को अपने करीब होने का एहसास कर लेते थे लेकिन पिछले करीब दस दिनो से अफगानिस्तान मे इंटरनेट सेवा ठप है जिससे अब यह भी मुमकिन नहीं . रोजगार की तलाश मे अपने वतन से हजारों मील दूर भारत आए थे .पहले जब भी उनको अपने परिवार की याद आती थी वह अपने वतन चले जाते थे लेकिन अब अफगानिस्तान मे जो हालात है उससे इनको पता नही कि कब अपने वतन लौट पाएंगे . उनके मन मे सिर्फ एक ही डर है कि कहीं तालिबानी उनके गांव की तरफ भी ना बढ़ रहे हों। उनके मन में अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है .रानीगंज मे रहने वाले इन असहाय अफगानीओ को यह भी नही पता कि उनके अपने वतन मे उनका परिवार जीवित भी है या नही । इन लोगों को अफगानिस्तान की राजनीति से कोई लेनादेना नही है . अपने परिवार का पालन पोषण करने अफगानिस्तान से हिंदुस्तान आए इन आम अफगानीओ की सिर्फ एक ही आरज़ु है कि उनके अपने वतन मे उनके परिवार के लोग महफुज़ रहें.इन लोगों ने मीडिया के जरिए भारत सरकार से भी गुहार लगाई कि वह कुछ ऐसा करे कि आम अफगानीओ के जानो माल की सुरक्षा हो सके. उनको अपने ही वतन मे खौफ के माहौल मे जीना ना पड़े .लेकिन उनकी सबसे बड़ी अर्ज़ी खुदा से है कि जल्द से जल्द अफगानिस्तान के हालात सुधरें और उनका परिवार कम से कम अमन और शांति से जी सकेंं.

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