आज कारगिल विजय दिवस है.सन् 1999 में आज ही के दिन भारत के वीर सपूतों ने कारगिल की चोटियों से पाकिस्तानी फौज को खदेड़कर तिरंगा फहराया था. इन 10 बातों से जानिए कारगिल युद्ध की वीरता भरी कहानी…
– भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था। 8 मई 1999 में ही इसकी शुरुआत हो चुकी थी, जब पाकिस्तानी सैनिकों और कश्मीरी आतंकियों को कारगिल की चोटी पर देखा गया था
– कारगिल में घुसपैठ की सबसे पहले जानकारी ताशी नामग्याल नामक एक स्थानीय चरवाहे ने दी थी, जो कि कारगिल के बाल्टिक सेक्टर में अपने नए याक की तलाश कर रहे थे.याक की खोज के दौरान उन्हें संदिग्ध पाक सैनिक नजर आए थे.
– 3 मई को पहली बार भारतीय सेना को गश्त के दौरान पता चला था कि कुछ लोग वहां पर हरकत कर रहे हैं. पहली बार द्रास, काकसार और मुश्कोह सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा गया था.
– भारतीय सेना ने 9 जून को बाल्टिक क्षेत्र की 2 चौकियों पर कब्जा कर लिया. फिर 13 जून को द्रास सेक्टर में तोलोलिंग पर कब्जा जमाया.हमारी सेना ने 29 जून को दो अन्य महत्वपूर्ण चौकियों 5060 और 5100 पर कब्जा कर अपना परचम फहरा दिया.
– 11 घंटे लड़ाई के बाद पुन: टाइगर हिल्स पर भारतीय सेना का कब्जा हो गया, फिर बटालिक में स्थित जुबर हिल को भी कब्जाया गया.
– 1999 में हुए कारगिल युद्ध में आर्टिलरी तोप से 2,50,000 गोले और रॉकेट दागे गए थे. 300 से अधिक तोपों, मोर्टार और रॉकेट लॉन्चरों से रोज करीब 5,000 बम फायर किए गए थे.
– 26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाए गए ‘ऑपरेशन विजय’ को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत भूमि को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था.
– कारगिल की ऊंचाई समुद्र तल से 16,000 से 18,000 फुट ऊपर है, ऐसे में उड़ान भरने के लिए विमानों को करीब 20,000 फुट की ऊंचाई पर उड़ना पड़ता है.
– कारगिल युद्ध में मिराज के लिए महज 12 दिन में लेजर गाइडेड बम प्रणाली तैयार की गई थी। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सैनिकों के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 विमानों का प्रयोग किया था.
– कारगिल की पहाड़ियों पर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस युद्ध में लगभग 2 लाख भारतीय सैनिकों ने भाग लिया था। इसमें करीब 527 सैनिक शहीद हुए थे.
#साभार:वेब दुनिया