- नई दिल्ली:ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) को लेकर दुनियाभर में अलर्ट की स्थिति है। चीन में दिसंबर के मध्य से फैल रहे संक्रमण को लेकर डर की स्थिति तब और बढ़ गई, जब भारत में एचएमपीवी के केसों की पुष्टि हुई। इस बीच चिकित्सकों और विशेषज्ञों का कहना है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस कोई नया वायरस नहीं है, बल्कि इसका अस्तित्व दुनिया में करीब 60 साल से माना जा रहा है। इसके प्रभावों को लेकर डब्ल्यूएचओ से लेकर अलग-अलग स्वास्थ्य संस्थानों ने सावधान रहने को कहा है, हालांकि इसे बड़ा खतरा नहीं माना जा रहा है।
इसके बावजूद पहले चीन, फिर भारत और अब कुछ और देशों में एचएमपीवी फैलने की वजह से इसकी संक्रमण दर को लेकर चिंता बनी हुई है। इतना ही नहीं ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से संक्रमितों में कोरोनावायरस प्रभावितों जैसा ही संक्रमण दर्ज किया गया। इसके चलते एचएमपीवी के प्रभावों की तुलना भी कोविड-19 से की जा रही है, जो कि चीन में ही उभरने के बाद दुनिया के कई देशों में फैल गया था।
भारत में अब तक एचमपीवी से जुड़े कितने केस?
भारत में एचएमपीवी से जुड़े 8 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से पहले मामले सोमवार को आए थे, जब कर्नाटक में दो बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इनमें से एक संक्रमित बच्चे को डिस्चार्ज भी कर दिया गया। इसके बाद एक के बाद तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र में एचएमपीवी से जुड़े केस दर्ज हुए।