राष्ट्रीय

जयपुर:सिविल लाइंस में मन की बात कार्यक्रम…; 200 महिला उद्यमियों को मातृशक्ति स्वावलंबन सम्मान

Spread the love

जयपुर,आकाश शर्मा:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के 116वें एपिसोड का आयोजन सिविल लाइंस विधानसभा में मातृशक्ति स्वावलंबन सम्मान की थीम के साथ किया गया। रविवार को शांति नगर के शांति पार्क में बूथ संख्या 95 पर किया गया। इस राज्य स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि जयपुर जिले के प्रभारी, विधि एवं न्याय मंत्री जोगाराम पटेल और सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने मंडल, वार्ड और बूथ स्तर तक पदाधिकारियों ने एक साथ सुनी।इसके बाद कानून मंत्री पटेल और विधायक शर्मा ने सिविल लाइंस क्षेत्र की 200 महिलाओं को मातृशक्ति स्वावलंबन सम्मान से नवाजा। सम्मानित होने वाली महिलाओं में स्वयं का कारोबार कंपनी/लघु/मध्यम उद्योग, थड़ी-ठेले, बुटीक, पार्लर आदि स्वरोजगार चलाने वाली आत्मनिर्भर महिला उद्यमी शामिल हैं। इनमें सिविल लाइंस क्षेत्र की चारों महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष सीमा चौहान, इंदु परमार, कविता शर्मा और गुड़िया शर्मा भी शामिल थीं। कार्यक्रम में भाजपा सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र के पार्षद, जिला, मंडल, वार्ड एवं बूथ स्तर तक के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में आमजन भी मौजूद रहे।

*थीम बेस्ड मन की बात अनुकरणीय पहल : जोगाराम पटेल*
मातृशक्ति स्वावलंबन सम्मान को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सिविल लाइंस में मन की बात कार्यक्रम हर माह एक नए अंदाज और थीम के साथ आयोजित किया जाता है। इस बार 200 महिला उद्यमियों का सम्मान किया जाना बेहद अनुकरणीय पहल है। आपके जनप्रतिनिधि गोपाल शर्मा बैठकों में जब किसी विषय की व्याख्या करते हैं तो राजस्थान की सरकार नस-नस्तमक होकर उनकी हर बात मानने के लिए मजबूर हो जाती है। कभी भी इन्होंने किसी की नकारात्मक आलोचना नहीं की, अपनी बात सकारात्मक भाषा के शब्दों के साथ हमेशा हर वक्त अपनी विधानसभा का विकास कार्य कैसे हो यह प्रयास करते रहते हैं।

*मातृशक्ति को सशक्त कर रही मोदी सरकार : गोपाल शर्मा*
वहीं, विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार मातृशक्ति की सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी ने महिलाओं को शक्ति के रूप में व्याख्यायित करके भारतीय संस्कृति का अनुकरणीय आदर्श विश्व के सामने रखा है। मोदी सरकार के 10 वर्षों के दौरान विभिन्न स्तरों पर सूक्ष्म रणनीति और योजनाबद्ध तरीके से जो काम हुआ, उसी का नतीजा है कि आज भारत की महिलाएं शिक्षा से लेकर स्वरोजगार तक और राजनीति से लेकर ब्यूरोक्रेसी तक प्रमुखता से योगदान कर रही हैं। जिस तरह से बीते वर्षों में चुनावों के दौरान महिलाओं की अधिक सक्रिय भूमिका सामने आई है, वह निरंतर बढ़ रही जागरूकता के साथ-साथ सरकार के प्रति विश्वास का भी प्रतीक है।
——-