मलय गोप की रिपोर्ट
झारखंड:जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग मारवाड़ी महाविद्यालय, रांची द्वारा “करम पूर्व संध्या महोत्सव” का आयोजन धूमधाम से किया गया । महोत्सव के मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे । अन्य अतिथियों में प्रोफ़ेसर इंचार्ज डॉ. आर.आर. शर्मा, डॉ. स्नेहप्रभा महतो, छात्र-संकायाध्यक्ष डॉ. तरुण चक्रवर्ती, परीक्षा नियंत्रक डॉ. उमेश कुमार एवं वाणिज्य के प्राध्यापक डॉ. आदित्येंद्रनाथ शाहदेव विशेष रूप से उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम की शुरुआत सभी अतिथियों को झारखंडी परंपरानुसार परीछ कर महोत्सव स्थल स्वामी विवेकानंद सभागार में लाया गया । जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के विभागाध्यक्षा प्रोफेसर महामनी कुमारी द्वारा स्वागत किया गया। स्वागत भाषण में उन्होंने “करम परब” की महत्ता को भी सबके सामने रखा । जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के शिक्षकों द्वारा सभी अतिथियों को सम्मानस्वरूप झारखंडी संस्कृति का प्रतीक अंगवस्त्र भेंट किया गया ।
तत्पश्चात सहायक प्राध्यापक जुरा हाेरो के नेतृत्व में मुंडारी भाषा विभाग के छात्रों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया ।
इसके बाद जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. वृंदावन महतो द्वारा “करम कथा” का वाचन किया गया ।
इसके पश्चात नागपुरी, मुंडारी, कुरुख भाषा विभाग के छात्र- छात्राओं के अतिरिक्त 4/3- मारवाड़ी महाविद्यालय एन.सी.सी. के कैडेटों ने ‘करम गीत’ के साथ नृत्य प्रस्तुत किया। सभी छात्र-छात्राओं ने गीत एवं नृत्य के माध्यम से करम पूजा की महत्ता का प्रदर्शन किया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. मनोज कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह प्रकृति पर्व केवल झारखंड का ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष का महत्त्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व ऐसे मास में मनाया जाता है, जिसमें सबसे अधिक पर्व त्यौहार मनाया जाते हैं। मानव करम पूजा कर प्रकृति के प्रति अपने प्रेम को प्रदर्शित करता है । साथ ही उन्होंने शुभकामना देते हुए संदेश दिया कि आप सभी भाई-बहन इस त्यौहार को प्रेम और सौहार्द के साथ मनाएं तथा जीवन में सभी सफलताओं की प्राप्ति करें ।
प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. आर.आर. शर्मा तथा वरीय शिक्षक डॉ. ए एन. शाहदेव के द्वारा “करम पूर्व संध्या महोत्सव” की सभी को बधाई दी गई। इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पांच नृत्य दलों को प्राचार्य के द्वारा “शुभ पौधा” देकर पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में मंच का संचालन डॉ. अशोक कुमार एवं डॉ. खातिर हेमरोम द्वारा किया गया। समस्त नृत्य दल को सहायक प्राध्यापक श्रीमती सुमंती तिर्की, श्रीमती संगीता तिग्गा, डॉ. अमित कुमार तथा श्री जुरा होरो के द्वारा प्रशिक्षित किया गया ।
कार्यक्रम का समापन सहायक प्राध्यापक डॉ. अवध बिहारी महतो द्वारा आभार प्रकटीकरण के साथ किया गया । आभार प्रकटीकरण में उन्होंने करम पूर्व संध्या महोत्सव के अवसर पर उपस्थित सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट किया । प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग प्रदान करने वाले सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट किया गया । उन्होंने करमइतिन बहनों को प्रोत्साहित करते हुए सभी बहनों को उल्लास पूर्वक “करम परब” मनाने की सलाह दी। उन्होंने आभार स्वरूप स्वरचित खोरठा कविता की कतिपय पंक्तियां सबके समक्ष प्रस्तुत की –
‘ करमेक आइझ हइ संजोत, काइल लागइ उपास,
करमइतिन बहिन जलदी जलदी करा उसास ।
तोहिन बढ़िआ से करम पूजबा हामिनेक हे बिसवास,
करम गोसाईक पूइज देस-दुनिआ आर परकीरति बचइबा एहे हे तोहिन से आस ।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. रंजू लाल, डॉ नूपुर सिंहा, डॉ. बहालेन होरो, श्री रोनाल्ड पंकज खलखो, श्री संतोष रजवार, डॉ. राहुल कुमार, डॉ. सीमा चौधरी, डॉ. ज्योति किंडो, डॉ. जीतू लाल, श्री कृष्णकांत तथा श्री अनुभव चक्रवर्ती आदि के सा