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कोलकाता रेप/मर्डर केस:आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पैनिक कॉल्स की कहानी आई सामने

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कोलकाता:कोलकाता रेप मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन तो जारी ही है, एक आरोप अस्पताल पर लग रहा है कि उसने समय रहते पीड़िता के माता-पिता को सच्चाई के बारे में नहीं बताया। अब उसी आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पैनिक कॉल्स की कहानी सामने आई है जिसने साफ कर दिया है कि कवर अप करने की कोशिश की गई, काफी देर तक मां-बाप को गुमराह किया गया।

अब टाइम्स ऑफ इंडिया ने उन तीन कॉल्स की जानकारी निकाल ली है, उनके ऑडियो क्लिप भी सामने आ गए हैं। उन ऑडियो क्लिप से समझ आता है कि मां-बाप तो लगातार पूछते रहे कि आखिर उनकी बेटी को क्या हुआ, लेकिन अस्पताल की तरफ से सीधा जवाब एक बार भी नहीं मिला। यहां सिलसिलेवार तरीके से जानिए तीनों कॉलों की कहानी-

पहली कॉल
पीड़िता के पिता: क्या हुआ है, मुझे प्लीज बताइए

कॉलर: उसकी हालत बहुत खराब है, आप बस जल्दी आ जाइए

पीड़िता के पिता: बताइए तो आखिर हुआ क्या है?

कॉलर: वो डॉक्टर बताएंगे, आप बस जल्द आइए

पीड़िता के पिता: आप कौन बात कर रही हैं?

कॉलर: मैं अस्पताल में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट हूं, डॉक्टर नहीं

पीड़िता के पिता: क्या वहां कोई डॉक्टर नहीं है?

कॉलर: मैं असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट हूं, हम आपकी बेटी को इमरजेंसी में लेकर आए हैं, आप आइए और डॉक्टर से बात कीजिए

पीड़िता की मां: वो तो ड्यूटी पर थी, आखिर हुआ क्या?

कॉलर: आप बस जितना जल्दी आ सकते हैं, आ जाइए

दूसरी कॉल
कॉलर: मैं आरजी कर से बात कर रहा हूं

पीड़िता की मां: हां, प्लीज बताइए

कॉलर: क्या आप आ रहे हैं?

पीड़िता की मां: हां हम आ रहे हैं, अब कैसी है वो?

कॉलर: आप आइए, हम बात करेंगे, सीधे आरजी कर अस्पताल के चेस्ट डिपार्टमेंट में आइएगा

पीड़िता की मां: ठीक है

तीसरी कॉल
पीड़िता के पिता: हेलो

कॉलर: मैं असिस्टेंट सुपरिटेडेंट

पीड़िता के पिता: जी बताइए

कॉलर: असल बात यह है कि हमे लगता है कि आपकी बेटी की मौत हो चुकी है, वो भी सुसाइड की वजह से। पुलिस आ गई है, हम सभी यही पर हैं, आप जल्दी आ जाइए बस

पीड़िता के पिता: हम रास्ते में हैं, आ रहे हैं

पीड़िता की मां: मेरी बेटी इस दुनिया में नहीं रही

अब इन तीन कॉलों की कहानी साफ बताती है कि किस तरह से डॉक्टर की मौत को छिपानी की साजिश रची गई। अगर अस्पताल चाहता तो पहली कॉल में ही सच्चाई बता सकता था। हैरानी की बात यह है कि जहां पर पीड़िता की मौत हुई, वो जगह डॉक्टरों से भरी हुई थी, ऐसे में किसी को कैसे पता नहीं चला कि रेप हुआ या सुसाइड? इस समय इसी मुद्दे पर कोर्ट में भी बहस हो चुकी है। माता-पिता का तो आरोप है कि उन्हें तीन घंटे तक इंतजार करवाया गया, जानबूझकर उन्हें सच्चाई नहीं बताई गई।

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