* विधायक ने किया था पुस्तकालय को कब्जामुक्त कराने का वादा
* तीन साल बाद भी पुस्तकालय नहीं हो पाया कब्जामुक्त
चित्तरंजन:चित्तरंजन के सीमावर्ती झारखंड के जामताड़ा जिला अन्तर्गत मिहिजाम में स्थित एकमात्र पुस्तकालय पर आज भी नगर पालिका का कब्जा बरकरार है। जबकि जामताड़ा के विधायक डॉ इरफान अंसारी ने तीन साल पूर्व 2020 में ही यहां के नागरिकों से खासकर स्कूल और कॉलेज के छात्रों से वादा किया था कि जल्द से जल्द पुस्तकालय को कब्जामुक्त कराकर यहां इसको चालू करवाया जाएगा। परन्तु, तीन साल बाद भी वो पुस्तकालय को कब्जामुक्त कराने में सफल नहीं हो पाये है। जिससे यहां के नागरिकों समेत छात्रों में निराशा व्याप्त है।
बताते चलें,20 जनवरी 1990 में जामताड़ा के तत्कालीन विधायक फुरकान अंसारी ने विधायक निधि से इस पुस्तकालय को चालू करवाया था। जिसपर बाद में मिहिजाम नगर पालिका ने कब्जा कर लिया था।
इधर, मिहिजाम नगर पालिका के अध्यक्ष कमल गुप्ता ने भी जानकारी देते हुए कहा था, मिहिजाम नगर पालिका का नया भवन बनकर तैयार है। शीघ्र ही इसका सारा काम नये कार्यालय में शिफ्ट कर यहां पुस्तकालय को चालू करवाया जाएगा। ये बात नपा अध्यक्ष कमल गुप्ता ने तीन साल पहले ही कहा था। मगर, तीन साल बाद भी यह नगर पालिका से कब्जामुक्त नहीं हो सका है।
गौरतलब है, तीन साल पूर्व जिला प्रशासन की पहल पर जिले में सभी 118 ग्राम पंचायत में पुस्तकालय खोले जाने का निर्णय लिया गया। और आज की तारीख में सरकारी स्तर पर जामताड़ा जिला को देश का एकमात्र ऐसा जिला घोषित किया गया जहां सभी ग्राम पंचायतों में पुस्तकालय हैं। मगर, मिहिजाम में सरकारी प्रयास से पुस्तकालय के नाम पर वर्षो से सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति ही की जाती रही है।
उक्त सारी जानकारी देते हुए वरिष्ठ रचनाकार पारो शैवलिनी ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि विधायक डॉ इरफान अंसारी को इसपर गम्भीरता से ना सिर्फ सोचने की जरूरत है बल्कि यहां के पुस्तक प्रेमियों तथा गरीब तबके के छात्रों की जरूरत को महसूस करते हुए उक्त पुस्तकालय को कब्जामुक्त करायें।
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